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यूँ आसमाँ की तरफ देखता हूँ मैं के कहीं दिखे ख़ुदा त

यूँ आसमाँ की तरफ देखता हूँ मैं के कहीं दिखे ख़ुदा तो उससे शिकायत करूँ तेरी...
की तुम सितमगर हो मुझपे सितम ढाती हो...।।

आंखों में काजल लगाती हो होठो को लाल रखती हो...
मैं जो देखूं तुम्हे तो तुम मुझे देख मुस्कुराती हो...।।

रात को ख़्वाबों में आ मेरी नींदें उड़ाती हो...
जो मैं उठूं तो हर सुबह ख्यालों में आती हो...।।

मैं पागल सा आशिक़ हुँ मुझे घायल बनाती हो...
सुनो....तुम सितमगर हो मुझपे सितम ढाती हो...।। #Daily_Creation
यूँ आसमाँ की तरफ देखता हूँ मैं के कहीं दिखे ख़ुदा तो उससे शिकायत करूँ तेरी...
की तुम सितमगर हो मुझपे सितम ढाती हो...।।

आंखों में काजल लगाती हो होठो को लाल रखती हो...
मैं जो देखूं तुम्हे तो तुम मुझे देख मुस्कुराती हो...।।

रात को ख़्वाबों में आ मेरी नींदें उड़ाती हो...
जो मैं उठूं तो हर सुबह ख्यालों में आती हो...।।

मैं पागल सा आशिक़ हुँ मुझे घायल बनाती हो...
सुनो....तुम सितमगर हो मुझपे सितम ढाती हो...।। #Daily_Creation
abhishekraj3475

Abhishek Raj

New Creator