मोहल्ले की मोहब्बत आपने देखी और सुनी तो जरूर होगी। मगर महसूस नहीं कि होगी मोहल्ले की मोहब्बत का अपना ही मजा है। वो तिरछी नजरों से एक झलक का दीदार होना। वो छूप छूप के नज़रों का नज़रों से मिलना। घर वालो से छूप छूप के पड़ोस वाली दुकान पर मिलना। वो कागज़ में लिख जहाज से मैसेज का भेजना। वो घर से गुजरते आशिकों का सायकिल कि घंटी बजाना। छत पर अकेले शर्माके मिलना हल्की सी दस्तक पर पलटना। वो नज़ारा भी गजब होगा।। रिम झिम वाली बारिश में छतरी अोढे घंटो इंतज़ार करना। गजब का नज़ारा है गजब का इशारा है यही तो मोहब्बत है। यही वो मजा है यही वो सजा है। मोहल्ले की अपनी जरूरते यही जिंदगानी है वहीं परेशानी यही वो मोहोब्बत है यही वो जवानी वही जिंदगानी...✍️विनय पांडे @kaviindia@indiafan