आँखों के आसपास, आँसू ओ की दो धार है, चेहरे पर खुशी और, दिल में ग़म बेशुमार है। जो हमें सच में दिखाई देता है, वह कभी हकीक़त नहीं होती, हंसता हुआ चेहरा, कभी खुश नहीं होता। वफ़ा वफ़ा करते करते, बेवफ़ाई का दामन थाम लिया उसने, मुझे अपना हमसफ़र चुनकर, छोड़ गया अकेला ज़िंदगी की राहों में। रोशनी से भरा जगमगता चिराग, एक दिन मेरी ज़िंदगी में भी था, कोई इसकी लो बुझाकर, चला गया पीछे अँधेरा छोड़कर। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1044 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।