नई सुबह है नई बात है,चल कुछ मीठा बुनते हैं रूह शहद का वर्क चढ़ा कर धुन कोयल की सुनते हैं बुलबुल की बातों का संदल माथे तिलक लगाते हैं और गौरिया की तानों से सोई रात जगाते हैं चढ़े चील के आसमान पर बादल के ढंग धुनते हैं नई सुबह है नई बात है,चल कुछ मीठा बुनते हैं कागा भी बड़ा सयाना है बात पते की बोलेगा संग मैना के बैठ कहीं वो सच्चा झूठा तोलेगा गिद्धों की जो साफ नज़र है नूर उसी से सुनते हैं नई सुबह है नई बात है,चल कुछ मीठा बुनते हैं राम चिरैया ध्यान लगा कर गूढ़ कोई तो बोलेगी बड़ी देर से सोच रही है भेद कोई तो खोलेगी राजहंस के साथ लहर से मोती सच्चे चुनते हैं नई सुबह है नई बात है,चल कुछ मीठा बुनते हैं @ उदासियाँ।।। नई सुबह ©Mo k sh K an #उदासियाँ_the_journey #mkpikb #rub_of_life #Hope #new_day #positive #Divinity #Blossom