जिसमें याद ना आए वो तनहाई किस काम की, बिगड़े रिश्ते ना बने तो खुदाई किस काम की, बेशक इनसान को चाद तक जिना हैं पर जाहाँ से अपने ना दिखे वो उचाई किस काम की। #अपने ना दिखे तो उचाई किस काम की।