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सुहाना सा ये समत है , सुहानी सा ये नजारा , ढल रही

सुहाना सा ये समत है ,
सुहानी सा ये नजारा ,
ढल रही है ये शाम ,
और ढल रही हूं मै ,
तेरे प्यार के आगोश में । ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
सुहाना सा ये समत है ,
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ढल रही है ये शाम ,
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तेरे प्यार के आगोश में । ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

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