दुनिया में आने का हक़ उसको भी था (check caption) दुनिया में आने का हक़ उसको भी था, माँ की गोद में सिर रख कर सो जाने का हक़ उसको भी था, घर में किलकारी मचाने का हक़ उसको भी था, अस्तित्व को उसके आज फिर ठुकराया गया है, रीती रिवाज़ों के भेंट उसको चढ़ाया गया है. हैवानियत ने फिर आज सिर उठाया है,