रात को हूं तन्हा जगता, लोरी सुना दो ना मां भीड़ में है डर लगता, गोद में छूपा लो ना मां असहनीय है धूप दुख की, आंचल दिखा दो ना मां लड़खड़ाया हूँ जीवन की मार से, ऊंगली थमा दो ना मां बहते नहीं आंसू शुष्क आंखों से, चांटा लगा दो ना मां बरसो बीते खिलखिलाए बिना, बच्चा बना दो ना मां भरता नहीं पेट दुनिया की तसल्ली से, रोटी खिला दो ना मां।। मां#nojotovoice #nojotohindi रात को हूं तन्हा जगता, लोरी सुना दो ना मां भीड़ में है डर लगता, गोद में छूपा लो ना मां असहनीय है धूप दुख की, आंचल दिखा दो ना मां लड़खड़ाया हूँ जीवन की मार से, ऊंगली थमा दो ना मां बहते नहीं आंसू शुष्क आंखों से, चांटा लगा दो ना मां बरसो बीते खिलखिलाए बिना, बच्चा बना दो ना मां भरता नहीं पेट दुनिया की तसल्ली से, रोटी खिला दो ना मां।।