खाक़ में मिल गए होते ग़र वो पल, तो यादों की वो सौगात न होती। राख हो गए होते ग़र वो सपने, तो ख़्वाबों की वो रात न होती। कभी तो सपनों में जी कर देखते, सपनों भरी उस रात में सवाल तो करते? इबादत दिल में कभी न होती, तो क्यों कर सुबह की ये अजान होती? Inspired from any friend. #खाक़ #राख #अजान #सुबह #सौगात #इबादत