दिल की बात कहें तो किससे कहें। कौन सुनता है आजकल दिल की बात।। सब दबाए हुए हैं अपनी दिल ही दिल में, कौन समझता है आजकल दिल की बात।। तुम भी समझे नहीं कभी दिल की बात, और कभी हम नहीं कह पाए दिल की बात।। थक गए हम तुम्हें कितनी दफा बता करके, बने नादान कि समझ न सके दिल की बात।। ©Chanchal Hriday Pathak #दिल_की_बात_कहें_तो_किससे