तुझ संग प्रीत लगा के प्रियवर । हम नीरव से हो गए।। जग रात के सन्नाटा में खो गया। हम दीद-ए-बे-ख्वाब हो गए ।। तेरी लोबानी से किरदार में। मेरे जिस्म का इत्र महकता है।। अमावस की अंधेरी रातों में।, अकेलेपन में मन घबराता है।। रात के खामोश अंधेरों में। रात का सन्नाटा गुर्राता है।। जब से दूर हुए तुम पिया। मन उलझनों में घिरता जाता है।। आपका आज का टॉपिक है "रात का सन्नाटा" •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ✍🏻✍🏻Collab करने के बाद done जरूर लिखे✍🏻✍🏻👍 ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••