मेरा शहर जो मेरा घर है, इसमे में पुरी दुनियां को देखता हुँ।इस दुनियां के रंगमंच के हर किरदारों को यहां देखता हुँ। मेरा शहर जो मेरा घर है, इसमे गरीबी की झोपड़ी से लेकर अमीरी की इमारत को देखता हुँ। कही दो रोटी के लिए तड़पते भूखे पेट को देखता हुँ तो कहीं वो ही दो रोटी को कूड़ेदान में फ़ेंकते दो हाथो को देखता हुँ। मेरा शहर जो मेरा घर है, कही सड़कों पर दौड़ते हुए उम्मीदों के बवंडर को देखता हुँ तो कही उन्हीं सड़कों पर हताश होकर लौटते हुए कुछ टूटे सपनों को देखता हुँ मेरा शहर जो मेरा घर है, कही हाथों में किताबें, कलम और दिल में सुनहरे भविष्य के सपने लिये स्कूल और कॉलेज जाते बच्चों को देखता हुँ तो वही पर कही दूर खड़ी कुछ सूनी आँखों को देखता हुँ, जिनके हाथों में ज़िमेदारी की गठरी है और जिनके लिये ये सब एक सपना है। लिखने को तो बहुत लिखा जा सकता है मेरे शहर पर , पर ये तो हर शहर की कहानी है जहां हार का बुढ़ापा भी है और जीत की जवानी है। बस यही मेरा शहर है जो मेरा घर भी है। #MeraShehar