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हम अपनो के तानो की भट्टी में तपे हैं। हम अपनो की

हम अपनो के तानो की भट्टी में तपे हैं।

हम अपनो की बातो से अंतरमन से कपे हैं।

और यूँ ही सफलता नहीं पाई है हमने,

हम मेहनत की माला को बार  बार जपे हैं।

आनंद विष्णुशाली

©Anand Dhiman
  हम अपनो के तानो की भट्टी में तपे हैं।

हम अपनो की बातो से अंतरमन से कपे हैं।

और यूँ ही सफलता नहीं पाई है हमने,

हम मेहनत की माला को बार  बार जपे हैं।

हम अपनो के तानो की भट्टी में तपे हैं। हम अपनो की बातो से अंतरमन से कपे हैं। और यूँ ही सफलता नहीं पाई है हमने, हम मेहनत की माला को बार बार जपे हैं। #कविता

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