देश भर के राशन का जो इन्तजाम करता है... संकट की घड़ी में क्यों दो वक्त की रोटी को तरसता है ॽ जले होंगे जो पांव धूप में.. किसी दरख्त की छांव तले तुम्हारे आशियाँ को निहारा होगा। फिर उठा के अपनी पोटली अपनी कारीगरी पे सवाल उठाया होगा । छोड़कर चंद पैसे पटरी पर वो दीनता तुम्हारी दिखा गए... अपने किस्मत की लाचारी नहीं हुक्मरानों के पैरों की बैसाखी दिखा गए। -MADHVI #Hindi #HindiPoem #NoJo£o ##nojoto