जैसे बिखरती है रंगीनियत होली में , मौज ही मौज हो ज्यो दोस्तो की टोली में , देखते ही आ जाता है बचपना मुझमें , बचपन घुला हुआ नारंगी की गोली में ! ✍ राजकुमार टेलर नारंगी की गोली