जलमंत्री जी जल रखें, घर बैठे जजमान। जे भड़ भड़ फटाका चलें, लेई लेत प्रान।। लेइ लेत प्रान, मौड़न को नैकउ चैनईं नइयां। नैकउ तो गम खाओ, काय पे खाय गुनइयाँ।। कह सुआटा सम्राट, कुरकुरू बिन संतरी। घिग्घी बांधें बैठे, अपने गांव के जलमंत्री।। 😂😂