वंदना 'भवनाओं का भोग चढ़ाऊँ' भावनाओं का भोग चढ़ाऊँ, भजन करके मैं तुझे बुलाऊँ, सब दुख दर्द हरलों मेरे श्याम, प्रेम घी का मैं दीप जलाऊँ। सदाबहार के फूल चढ़ाऊँ, कीर्तन कर मैं विनती सुनाऊँ, पल पल सुख करदो मेरे श्याम, प्रीत पुष्प का मैं हार सजाऊँ। रोली चंदन का तिलक लगाऊँ, मोली अक्षत का कवच बनाऊँ, पल पल रक्षा करना मेरे श्याम, भावनाओं से भक्ति गीत गाऊँ। कवि आनंद दाधीच, बेंगलूरु। भारत। ©Anand Dadhich #वंदना #shyambhajan #krishnabhajan #kaviananddadhich #poetananddadhich #Janamashtmi2023