ये टिप टिप टपकता पानी भी एक तराना सुना रहा है, कतरा - कतरा , बूंद - बूंद एक अफसाना सुना रहा है। इससे भी इस मिट्टी से जुदाई सहन ना हुई होगी, तभी तो बरस - बरस के ज़मीं पे आ रहा है, मिलन के गीत गा रहा है। इश्क़ कुदरत का #nojotohindi #ishq#pyar#judai#tadpan