खुली फिजाओं में सासों को थोड़ा दम मिल जाता था, गम था मगर,कोई हमदम मील जाता था, इससे पहले मै कही अच्छा था, इस गम से तेरा सितम अच्छा था! -Abhay singh #इससे पहले मै कही अच्छा था!