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खुली फिजाओं में सासों को थोड़ा दम मिल जाता था, गम

खुली फिजाओं में सासों को थोड़ा दम मिल जाता था,
गम था मगर,कोई हमदम मील जाता था,
इससे पहले मै कही अच्छा था,
इस गम से तेरा सितम अच्छा था!  


                                                    -Abhay singh #इससे पहले मै कही अच्छा था!
खुली फिजाओं में सासों को थोड़ा दम मिल जाता था,
गम था मगर,कोई हमदम मील जाता था,
इससे पहले मै कही अच्छा था,
इस गम से तेरा सितम अच्छा था!  


                                                    -Abhay singh #इससे पहले मै कही अच्छा था!
abhaysingh5481

Abhay Singh

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