छुटी जब आती है...... घर से दूर हुए अरसा हो गया, अब किराये का घर अपना सा हो गया, यहाँ भी मिल जाते है, अपने जैसे सब्जी और डेयरी वाले, जैसे वर्षो पुराने दोस्त हो हमारे, घर जाते है कुछ दिन के लिए,दिन भी लगते है चंद मिनट के समान, माँ का उतरा चेहरा पर पापा के चेहरे पे मानों कोई भाव नही होते है तब समझ में आता है 👇👇👇👇👇 माँ मुझे समझती है और पापा दुनिया को । फिर छुट्टिया खत्म हो जाती है और फिर वही दुनिया शुरू हो जाती है ।। #छुट्टी_का_दिन #घर_की_यादें #hindipoetry #quotes