sand of time ये जो रेत मेरी हाथों से फिसलता जा रहा है ऐसा लग रहा है सब छूट रहे है... ये जो मोह की डोरी इस दुनिया से बंधी थी कहीं किसी मोड़ पे टूट रहे है.... इससे पहले की ये रेत हाथों से खत्म हो तुम आ जाओ.... तुम आओ..तो इसे संभाले तुम आओ...तो सांसें बचाले की फिर से जीने की वजह मिले.. की इस थोड़े बचे रेत से.…कुछ नए सपने सजाले तुम आओ...तो ये ज़िन्दगी मुकम्मल हो तुम आओ.... की ये वक्त अब हाथों से निकलता जा रहा है... 🔥 ©$••••••Sonu #Sand of time.....