राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान लोकसभा में राहुल गांधी ने जो कुछ कहा उससे फिर से यह सिद्ध हुआ कि पूरी तरह से वामपंथी सोच से ग्रस्त है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धरने की कोशिश में उन्होंने 2 तरह से भारत होना यानी अमीरों और गरीबों की खाई का रोना रोया उन्होंने मोदी सरकार पर कुछ चुनिंदा उद्योगपति के लिए काम करने का अपना आरोप दोहराते हुए यह भी कहा कि कूटनीति के मामले में मोदी सरकार पूरी तरह विफल है उन्होंने चीन के अतिक्रमण रवैया का दोष भी मोदी सरकार पर मर दिया राहुल यह तो स्थिति को अनजान है फिर भी जानबूझकर उनकी अनदेखी कर रहे हैं विकसित देशों में उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में आबादी का एक छोटा सा हिस्सा अमीर होता है इस भारत कभी कोई अपवाद नहीं अंग्रेज के शासन में भी यह बात इतनी सी थी काफी उतनी ही आज भी है हां इतना अंतर अवश्य आ गया कि आजादी के बाद देश में जहां चार पांच दलों के पास ही अरब की संपदा हुआ करती थी अब आज बड़ी संपत्ति लाखों धरने की है राहुल ने स्टार्टअप पर भी कटाक्ष किंतु ऐसा करते हुए भूल गए कि यदि हिंदू तमाम युवाओं को रोजगार दे रहे हैं तो अधिकांश स्टार्टअप पहली पीढ़ी के युवा उद्यमियों ने खड़े किए हैं जिनके पिछले किसी परिवार का सहारा नहीं है विदेशी निवेशकों द्वारा उनके उद्योग में सफलता की कहानी का काम प्रभावित हुआ है लेकिन जिस तेजी से उल्लेखनीय है ©Ek villain #खोखले चिंतन में जकड़े राहुल गांधी #proposeday