दिल का अमीर मुक़्क़द्दर का गरीब था मिलकर बिछड़ना मेरा नसीब था चाह के भी कुछ ना कर सके हम साहब !!!! घर भी जलता रहा और समंदर भी करीब था in sadness 😭😭