एक दिन हमें फेसबुक पर एक साहित्यकार परीक्षा की सूचना पड़ी विषय बहुत ही अलग था इसलिए उस कार्यक्रम में जाने की इच्छा इतनी बलवती हुई कि हम ठीक समय से कुछ पहले ही जा पहुंचे कार्यक्रम शाम 4:00 बजे 6:00 बजे तक का वक्त के तौर पर आने वाले लोगों की सूची में बड़े-बड़े साहित्यकारों के नाम से जिनको हम पत्रिकाओं और समाचार पत्रों के माध्यम से ही जानते थे हमने लगा कि सही समय पर दिन के उजाले में कार्यक्रम में भागीदारी हो जाएगी और साहित्य के बारे में कुछ नया सीखने को भी मिल मिल सकेगा हम कार्यक्रम में समय से पूर्व पहुंच गए थे इसलिए आगे की सीट मिल गई कार्यक्रम शुरू होने के 1 घंटे बाद तक यानी 5:00 बजे तक तो लोग चाय नाश्ता ही करते रहे 4:00 बजे शुरू होने वाले कार्यक्रम आखिरकार 5:30 पर शुरू हुआ फिर एक एक कर कर सभी साहित्यकारों को उनकी लंबी परिचय के साथ मंच पर बिठाया ©Ek villain #साहित्य में विषय से भटकने की सीट