कुछ यादों को ढल जाने दो, सूरज कि तरह चांद का खसारा खलता है... चुपके चुपके चांद भी परछाइयों पे मरता है। तुम भी कुछ बोलो चंदा, सूरज कुर्बानी मांगे है वो तपते तपते थक गया, फिर भी बिस्मिल से आगे है। #yqdidi #yqdidihindi #यकहिन्दी #यकदिदि #yqdidiquotes #dharmuvach #silentsinner #dharmdesai