दस्तूर-ए-जिन्दगी :~~ ______________________ मिला जो मिला हर सबक तेरा मुझको, मेरी तरफ से मेरा है एहतराम तुझको, बेदर्द लम्हे या बेशुमार खुशियां , नही कोई गिला,नही कोई शिकवा, नहीं कोई मसला तुझसे ए जिन्दगी । नहीं कोई तकल्लुफ तुझसे ए जिन्दगी ।। मिलता रहा मैं तुझसे हवाओं की तरह, या कह लो मिला मैं शिफाओं की तरह, न थी कोई दवा, ना था कोई नुस्खा, है हर जख्म ताजा शिराओं में गहरा , नहीं कोई मसला तुझसे ए जिन्दगी । नहीं कोई तकल्लुफ तुझसे ए जिन्दगी ।। वृहद है हृदय में जगह हर गमों की , हर मोड़ पर जिंदगी में राह मुश्किलों की, डिगा नहीं लड़ा मैं,बस बन के एक मोहरा , रहा हर दिशाओं में एकमुश्त पहरा, नहीं कोई मसला तुझसे ए जिन्दगी । नहीं कोई तकल्लुफ तुझसे ए जिन्दगी ।। -©अभिषेक अस्थाना(स्वास्तिक) दस्तूर-ए-जिन्दगी :~~ ______________________ मिला जो मिला हर सबक तेरा मुझको, मेरी तरफ से मेरा है एहतराम तुझको, बेदर्द लम्हे या बेशुमार खुशियां , नही कोई गिला,नही कोई शिकवा, नहीं कोई मसला तुझसे ए जिन्दगी ।