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दाढ़ी क्या बड़ा ली उन्होनें, मुझसे हिज़ाब माँगने लग

दाढ़ी क्या बड़ा ली उन्होनें, मुझसे हिज़ाब माँगने लगे..., 
मस्जिद क्या गए वो दो दफ़े, मज़हब का हिसाब माँगने लगॆ...

बड़ी सिद्दत से अरमान सजाए मैंने, 
वोह आकर मुझसे मेरॆ ख़्वाब माँगने लगॆ...

हर शब को मैं सजाता हूँ बड़ी मशक़्क़त से, 
वो आये और मेरा मेहताब माँगने लगॆ...

मै कहता रहा मुहब्बत है तुमसे, 
वो हमसे बहिखाता, किताब माँगने लगॆ...

मुझे नशा चढ़ता है प्यार के नाम से ही, 
वो मुझसे आकर शराब माँगने लगॆ...

बनाके के बड़ी बड़ी इमारतॆं देखो ए "मयस्सर",
वो मेरी झोपड़ी के हिस्से का आफताब माँगने लगॆ... दाढ़ी क्या बड़ा ली उन्होनें, मुझसे हिज़ाब माँगने लगे..., 
मस्जिद क्या गए वो दो दफ़े, मज़हब का हिसाब माँगने लगॆ...

बड़ी सिद्दत से अरमान सजाए मैंने, 
वोह आकर मुझसे मेरॆ ख़्वाब माँगने लगॆ...

हर शब को मैं सजाता हूँ बड़ी मशक़्क़त से, 
वो आये और मेरा मेहताब माँगने लगॆ...
दाढ़ी क्या बड़ा ली उन्होनें, मुझसे हिज़ाब माँगने लगे..., 
मस्जिद क्या गए वो दो दफ़े, मज़हब का हिसाब माँगने लगॆ...

बड़ी सिद्दत से अरमान सजाए मैंने, 
वोह आकर मुझसे मेरॆ ख़्वाब माँगने लगॆ...

हर शब को मैं सजाता हूँ बड़ी मशक़्क़त से, 
वो आये और मेरा मेहताब माँगने लगॆ...

मै कहता रहा मुहब्बत है तुमसे, 
वो हमसे बहिखाता, किताब माँगने लगॆ...

मुझे नशा चढ़ता है प्यार के नाम से ही, 
वो मुझसे आकर शराब माँगने लगॆ...

बनाके के बड़ी बड़ी इमारतॆं देखो ए "मयस्सर",
वो मेरी झोपड़ी के हिस्से का आफताब माँगने लगॆ... दाढ़ी क्या बड़ा ली उन्होनें, मुझसे हिज़ाब माँगने लगे..., 
मस्जिद क्या गए वो दो दफ़े, मज़हब का हिसाब माँगने लगॆ...

बड़ी सिद्दत से अरमान सजाए मैंने, 
वोह आकर मुझसे मेरॆ ख़्वाब माँगने लगॆ...

हर शब को मैं सजाता हूँ बड़ी मशक़्क़त से, 
वो आये और मेरा मेहताब माँगने लगॆ...
mayassar5805

Mayassar

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