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थिरकता ही रहता है बिना नर्तन संगीत झूमता ही रहता ह

थिरकता ही रहता है
बिना नर्तन संगीत
झूमता ही रहता है
बिना सूरिले गीत
खिलता ही रहता है
बिना बसंत रुत रंगीन
दो दिलवालों की दुनिया में
स्नेहस्वरूप सा,जो 
घुल जाता है आत्मा की
एकात्मकता में
शाश्वत वो
नाम इश्क है मेरा.

©Manisha Keshav
  ##नाम इश्क है मेरा ##