कॉन्क्रीट के जंगलों में आज सन्नाटा है, चार दिवारी में सारे कैद है, भागते थे कल तक जो शहरों में, आज वोही गांव जाने को बेताब है। -EkAnjanलेखक #caged #ekanjanlelhak #MG #lockdown #poetry