होली का था त्योहार, फरमा रहा था मैं आराम, पड़ी जरूरत दूध की, निकला मास्क पहनकर मैं। उतारा मास्क तो देखा चेहरा, रंगा हुआ मैं लालों लाल, मेरे मास्क को ही रंग दिया था, भाई ने मेरे किया कमाल। ~ Team Gulal 🔴 _____________________