अब गली मोहल्लों में वो पहले जैसी बात नहीं होती, बचपन की अठखेलियों वाली अब वो रात नहीं होती!! वो पहले पहुँचने की होड़ में, फीते भी नहीं बाँधना, हार के भी हँसते रहते थे, क्यों अब वो मात नहीं होती!! भीगने की चाह में, वो बादल गिरते ही छत पर चले जाना, होती तो है अब भी बारिश, पर अब वो बरसात नहीं होती! मखमली बिस्तर तो हैं घर के हर कमरे में सोने को 'कुमार' पर अब मकानों में लकड़ी वाली वो खाट नहीं होती!! #YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #हिंदी #hindi #she'r #kumaarsher #Kumaarsthought #kumaargazal #gazal #ग़ज़ल #कुमारग़ज़ल #बात #रात #मात #बरसात #खाट