खेताँ में थांके केसर निपजे। कोठाँ में भरयो रेहवे धान।। माँ लछमी थांके घरां बिराजे। माँ सरस्वती बढावे थांको मान।। गजानन्दजी रक्षा करे थांकी। याही अरज है म्हांकी।।