गर मैं नहीं हूँ तो क्या खुद, चाँदनी को चाँद लम्हात-ए-रुख़्सत तिरे चेहरे पर मसल जाता है लम्हात-ए-रुख़्सत = विदा होने का क्षण #feelingless #YourQuoteAndMine Collaborating with Shahla Saifee #javedsaroha Collaborating with Javed Khan Saroha Saroha #yqhindi