रोती हुई अँखियों के सहारे कुछ ख़ाब निकल गए। जोड़ा था कुछ अपनों को वो हिसाब निकल गए।। रोती हुई अँखियों के सहारे कुछ ख़ाब निकल गए। जोड़ा था कुछ अपनों को वो हिसाब निकल गए।। #रोती #हुई #अँखियों #के #सहारे #कुछ #ख़ाब #निकल #गए। #जोड़ा #था #कुछ #अपनों #को #वो #हिसाब #निकल #गए।। #lalitkumargautam #parnassianscafe #ललितकुमारगौतम