अर्थानाम् अर्जने दु:खम् अर्जितानां च रक्षणे। आये दु:खं व्यये दु:खं धिग् अर्था: कष्टसंश्रया:॥ धन के कमाने में दुःख है, कमाने के बाद धन के संरक्षण में दुःख है, आय में दुःख है, व्यय में दुःख है, कष्ट के आश्रय धन को धिक्कार हैं! _शिवा सारस्वत _शाश्वतानंद जयतु संस्कृत