ख़्वाहिश ख़्वाहिश पूरी न होने पर क्या "ज़िन्दगी से मौन" हो जाना सही हैं! या एक बार फिर से प्रयास करना चाहिए.. क्या सच में एक दरवाजा बंद होने पर दस और नई खिड़कियां खुल जाती है! करना क्या चाहिए..😕क्या करना चाहिए.. क्या खुद को तसल्ली देकर आगे बढ़ना ठीक है.. या निरंतर, निस्वार्थः प्रयास करते रहना चाहिए.. ये कैसी कशमकस है.. कैसी उलझन है.. मन में जो ठाना है, गर उसे पाना है, तो एक बार फिर से प्रयास करना होगा. अपनी ख़्वाहिश को पूरा करना होगा.. #मनीषा कौशिक #ख़्वाहिश #Manishakaushik #poetry