White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 62) में आपका स्वागत है! लेकिन विधाता को यह भी मंजूर नहीं! कमरे से चौराहे तक अभी पहुंचा नहीं ,तब तक कमरे का मालिक पीछे से नंदू का हाथ पकड़ लेता है! और बुलंद आवाज में पूछता है कहां जा रहे हो किसी ने बताया कि तुम घर जा रहे हो? नंदू उदासी की चादर संभालते हुए बोलता है जी हां ,और मेरे पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं है! कमरे का मालिक गरजते हुए और दो माह से जो किराया नहीं दिया है वह कौन देगा? नंदू अपने पैकेट से कलम निकालता है, और बिजली के खंभे पर एक पोस्टर लगा होता है!झट से उसी को उतार लेता है!और अपना घर का पत्ता लिख कर उसके हथेली पर रख देता है, और बोलता है कुछ दिनों में मैं आकर आपका किराया दे दूंगा, और यदि नहीं आ पाया तो आप इस पत्ते पर आकर चार गुना किराया ले जाइएगा! रूम मालिक अपना दांत निकाल कर हंसने लगता है! और बोलता है- इस दुनिया में सबसे बुद्धू हम हीं दिखते हैं क्या?वह कागज का टुकड़ा नंदू के हथेली पर रखते हुए, ये नौटंकी किसी और के सामने करना लाओ पहले किराया जमा करो! ©writer Ramu kumar #Sad_Status #writerRamukumar हिंदी फिल्म