जाँ एक बात कहूँ तुम लुभाते हो तार तुम दिल के छेड़ जाते हो है निगाहें बड़ी हसीं कातिल बस इशारों से तुम बुलाते हो मुझमें लिपटी हुई तेरी खुश्बू मुझे महका सा गुल बनाते हो पाक़ दामन ख़ुदा से कुर्बत है सादगी में ग़ज़ब ही ढ़ाते हो नर्म लहज़ा है गुफ़्तुगू का जाँ दिल में कैफ़-ए-तरब जगाते हो (कैफ़-ए-तरब:-आनंद की उमंग) फ़ासले राह में हो कितने भी इश्क़ शिद्दत से तुम निभाते हो नाज़ है तुम पे कह रही 'नेहा' रूह से जिस्म तक सजाते हो। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1088 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।