#DelhiPollution सब जगह धुआँ सा ही नज़र आता है निगाहों से जिसे देखूँ वही खोया सा नज़र आता है गुम है सब इस धुएँ की चादर में,कौन अपना है और कौन पराया कोई भी नज़र नहीं आता है ना जाने कितने दिन से गुप्त रखा है हमे इस चादर ने कया बताऊँ अब तो जिंदगी में मौत का भी खोफ़ सा नज़र आता है, गलती इस शहर के लोगों की है जिसको कोई अपना नज़र आता ही नहीं है सब बडे़ मायूस है अब तो अपना भी पराया सा नज़र आता है जो बस अपनी खुशीयो का ही आंगन नज़र आता है सब जगह धुआँ सा ही नज़र आता है..। usha 🙂 # धुआँ ही धुआँ उफ़