कोरोना तुम थोडा समझौना अपना घुसा थोडा कम करोना। मानते हैं हम, तुम हमे सबक सिखाने आये हो, अपने घर (धरती) को बचाने आये हो। हम आप (प्रकृति) सब से माफ़ी मागते हैं, अपने ज़िंदगी की भीक मागते हैं। जो इंसान खुद को घर का मालिक समज रहा था, जो इंसान सारी दुनीया को मुठी मे करने का ख्वाब देख रह था। तुमने उस ख्वाब को एक झटके मे ही तोड दीया। झोर का झटका हैं झोरोसे दिया, हा दिया।...... Niखिल Baमणी #Coronatalk