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वो जुबां पर ज़हर रखते है हम भी हथेली पर दुआ रखते

वो जुबां पर 
ज़हर रखते है
हम भी हथेली पर
 दुआ रखते है

वो सिरहाने पर
रात रखते है
हम उनके कदमों में 
'आफताब' रखते है 

अलग हुए जाते है वो
बस इक ख्याल उनका
हम दिल में रखते है

©Alam Aftab आफताब आलम

#HindiPoem #Hindi #hindpoetry

#feelings
वो जुबां पर 
ज़हर रखते है
हम भी हथेली पर
 दुआ रखते है

वो सिरहाने पर
रात रखते है
हम उनके कदमों में 
'आफताब' रखते है 

अलग हुए जाते है वो
बस इक ख्याल उनका
हम दिल में रखते है

©Alam Aftab आफताब आलम

#HindiPoem #Hindi #hindpoetry

#feelings
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Alam Aftab

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