उस गलती ने न जाने कितने सवालात खड़े किए, तुम गलत थे या वो गलत थी, इसका इल्म ही न हुआ इधर तुमने खुद को तो उधर उसने खुद को दोष दे डाला, जो वादा था साथ निभाने का, एक क्रम में एक भ्रम में ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया, उन्स पाकर भी खो दिया, रूसवाई न चाहते हुए भी पा लिया। #FreakySatty #YQdidi #कविता #हिन्दी #ऊर्दू #उन्स और #रूसवाई