वही अब मशवरा देते है खुद से दूर रहने का, जो दो क़दमों की दूरी से भी घबरा जाया करते थे!! वही तुम हो, वही मैं हूँ, फ़क़त जज़्बात बदले हैं! मगर यूँ भी नही के दिल ने छोड़ा है मुहब्बत को! कभी जो थाम कर हाथो को रस्ते भूल जाते थे, वही अब मशवरा देते है खुद से दूर जाने का! तेरे हर लम्स को महफूज़ मेरे अश्क़ करते हैं! के मैने इश्क़ के हाथों चुराए थे तेरे लम्हे! वो लम्हे ख़ार बनके चुभ रहे है मेरे सीने में! मगर यूँ भी नही के ख़ार वो लौटा दूँ मैं तुमको! वो मेरे पास रहते है के तन्हाई या मेहफ़िल हो! वो खुद से दूर जाने का मुझे ताना नही देते! वो मेरे पास रहते हैं मुझे तन्हा नही करते, वफ़ा करते हैं वो तेरी तरह रूसवा नही करते!! #nojoto #genesis #poetry #sarcasm tera jana...