पिता! ये जहां धूप का जंगल तेरी दुआ सायादार शजर नज़र से ओझल होते ही नैया डोले बीच भँवर तेरे आने से रौनक़ आती है तुझसे घर लगता है घर # पिता! तुझसे घर घर लगता है