बड़ी गंदी अंदाज से वह सोफे पर बैठी कविंताये लिख़ रही थी। एकदम कामुकता भाव दर्शा रही थी... यकीनन इस लिहाज से तो उसकी शिरत का पता चल रही थी। कि बड़ी बेशर्म औरत है। जालिनुम़ा दुपट्टे तो उसके सीने को पूरा ढक नही पाया और उसकी कमीज इतना चुस्त....... कौन आ रहा है, कौन जा रहा है, इन सबसे बेख़बर, सोफे पर कूल्हे टिका कर बस कविताएं लिखती जा रही....✍️ बेशर्म औरत #नज़रिया ~अल्ताफ हुसैन ०१८/११ #nazriya #story #shortstory #sad #feeling #nojotostory #कहानी