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आज जाग कर लिख रहा हूं.. तुझे खबर तक नहीं.. खुवाब।

आज जाग कर लिख रहा हूं..
तुझे खबर तक नहीं..
खुवाब। मिट रहे हैं...आखो में अब नींद तक नहीं.
..रात भर बस ख्याल तेरे.
.मुझ में मैं बाकी ही नहीं...
क्या फीतुर है तेरा..
क्या मजारा है...
तू है यहां पर तू है याहा नहीं..
चलो मंजिल को जाने देते हैं 
राह में तू साथ है के नहीं...
पर जो भी हो जन्नत लगती है जिंदगनी तेरे होने से...
सलामत रहेगी।ये भी कब तक 
कुछ मालुम नहीं...
फकत यू ना.हो मैं खो जाऊ..
फकत ये भी हो तू मुझे मिले या ना नहीं

©anudeep.poet .. #alone mansee singh rana
anudeepkumar6114

Anudeep

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#alone mansee singh rana

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