दिखता है जो सख्त अंदर से नरम होता है रहता है खामोश पर दिल में बातें होती है कई चाहता है बस किसी एक को जिनके संग मुलाक़ाते लगती रोज नई। जी, हाँ आपने सही पढा मर्द को भी दर्द होता हैं। मर्द भी एक इंसान ही हैं, वो भी चुपके से रोता है। आईए इस #पुरुषदिवस सभी पुरुषों को समर्पित करते हुए इस कॉलेब को ज़्यादा से ज़्यादा साझा करें और अपने मित्रों, जानकारों व सगे-संबंधियों को कमेंट बॉक्स में मेंशन कर के आमंत्रित करें और कॉलेब करने को कहें। यह हम सभी साहित्यिक प्रेमियों की ओर से सभी पुरुषों को एक उपहार होगा। "कॉलेब करने के बाद कमेंट बॉक्स में 'संपन्न'/'Done' लिखना न भूलें"