बिना किये अपराध कोई न जाने क्यों मैं दण्डित हूँ। एकता और सौहार्द की हुई मैं मूरत खण्डित हूँ।। छोड़ो तुम क्या समझोगे और जानोगे दर्द मेरा। अपने देश में जो है निर्वासित,मैं वो काश्मीरी पण्डित हूँ।। बिना किये अपराध कोई न जाने क्यों मैं दण्डित हूँ। एकता और सौहार्द की हुई मैं मूरत खण्डित हूँ।। छोड़ो तुम क्या समझोगे और जानोगे दर्द मेरा। अपने देश में जो है निर्वासित,मैं वो काश्मीरी पण्डित हूँ।। #nojoto #hindi #हिन्दी