रोज़ निकलता हूँ घर से सड़क के दाएं बाएं को ताकतें बेमन्टी करके मिलती है वो जब पूरा बाजार आ जाता है । मम्मी भी मम्मी है यार देर तलक सोने भी नहीं देती कहतीं है तू जब तलक उठता है सूरज सर पे आ जाता है । रात में ज़िन्दगी को सोच के लिखने और जीभ पूरे मुँह में घुमा के चटकारा लेने से दिन भर का स्वाद आ जाता है । ©️✍️ सतिन्दर आ जाता है नज़्म 2 #kuchलम्हेंज़िन्दगीke #सतिन्दर #satinder #नज़्म