हम चले जाएंगे तेरी गली तेरे गांव छोड़कर वो बचपन में बनाए हुए कागज के नाव छोड़कर अब तो धूप में रहने की आदत सी हो गई हैं मुझे वो बगीचे वो बरगद के छांव छोड़कर हम चले जाएंगे